21 जून को दुनिया खत्म|World Over On 21 June


21 जून को दुनिया खत्म|World Over On 21 June



ALLABOUTRAJASTHAN


बताया जा रहा है कि 21 जून 2020 संसार का आखिरी दिन है। इस दिन सृष्टि का अंत हो जाएगा। दुनिया पहले ही कोरोना के संकट से परेशान है। हर दिन आ रहे भूकंप से भी दहशत बनी हुई है और अब सोशल मीडिया पर 21 जून को पृथ्वी के खत्म होने की बातें की जा रही हैं। इतना ही नहीं, एक प्राचीन कलेण्डर माया मैं यह भी बताया जा रहा है कि हम तकनीकी रूप से गलत साल में जी रहे हैं। वर्तमान वर्ष जिसे हम 2020 कहते हैं , माया कैलेंडर के अनुसार यह असल में वर्ष 2012 है और इसके अनुसार 2012 में सृष्टि का अंत होना है। 


साल 2020 वैसे ही हर देश की अर्थव्यवस्था को गिरा रहा है इस बीच एक नई खबर यह आयी है कि 21 जून को दुनिया खत्म हो जाएगी।

दरअसल साल 2020 अब तक मानव सभ्यता के लिए भयानक रहा है और अब एक कॉन्सपिरेसी थ्योरी में दावा किया जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में दुनिया का अंत हो जाएगा। यह विचित्र अवधारणा एक प्राचीन कैलेंडर माया पर आधारित है, लेकिन मौजुदा समय में आज पूरी दुनिया में ग्रेगोरियान कैलेंडर का इस्तेमाल किया जाता है।

ग्रेगोरियन कैलेंडर/Gregorian calendar


ग्रेगोरियन कैलेंडर पहली बार 1582 में अस्तित्व में आया था। इससे पहले कई कई अलग तरह के कैलेंडर का इस्तेमाल हुआ करता था। इसमें माया कैलेंडर और जूलियन कैलेंडर भी आते है ।
एक्सपर्ट मानते हैं कि ग्रेगोरियन कैलेंडर सूर्य की परिक्रमा करने में पृथ्वी के लगने वाले समय को ज्यादा बेहतर ढंग से दर्शाता है।  जूलियन कैलेंडर इस परिक्रमा को ठीक से नहीं दर्शाता था, इसलिए हर साल 11 दिन घटते चले जाते थे.
कॉन्सपिरेसी थ्योरी के मुताबिक, आज अगर हर साल कम हुए इन 11 दिनों का हिसाब लगाया जाए तो वास्तव में हमें 2020 नहीं बल्कि 2012 में होना चाहिए था। बता दें कि साल 2012 के शुरू होने से पहले ही कई विशेषज्ञों ने दुनिया खत्म होने की भविष्यवाणी की थी जो की बाअद में गलत साबित हुई।

पाउलो टागालोगयून का ट्वीट/Paulo Tagalogayun's tweet


ALLABOUTRAJASTHAN


हाल ही में एक वैज्ञानिक पाउलो टागालोगयून ने इसे लेकर एक ट्वीट भी किया था, जो डिलीट किया जा चुका है। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि जूलियन कैलेंडर के अनुसार दुनिया टेक्निकली 2012 में जी रही है।


कॉन्सपिरेसी थ्योरी/Conspiracy Theory


ग्रेगोरियन कैलेंडर पर शिफ्ट होने की वजह से हर साल करीब 11 दिन कम हुए हैं। ग्रेगोरियन कैलेंडर के 268 सालों के तहत (1752-2020) में हर साल 11 दिन कम हुए हैं। 

इन 11 दिनों को 268 से गुणा करने पर कुल दिनों की संख्या 2,948 दिन बनती है। कॉन्सपिरेसी थ्योरी के मुताबिक दुनिया खत्म होने की सही तारीख 21 जून 2020 है।

अब अगर कुल दिनों की संख्या को हम साल के 365 दिनों से भाग करें तो परिणाम निकलता है 8 साल अर्थात जूलियन कैलेंडर पर हम वास्तव में साल 2012 में जी रहे हैं और इस सिद्धांत के निर्माता इसी वर्ष को दुनिया के अंत के रूप में देखते हैं।

नासा/NASA

इस पर अमेरिका की अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी नासा ने कहा है कि यह कहानी सुमेरियों द्वारा खोजे गए ग्रह निबिरू नाम के ग्रह के मिलने के बाद शुरू हुई थी। भविष्यवाणी करने वालों ने पहले मई 2003 में धरती पर बहुत बड़ी घटना होने की बात कही थी।

मई 2003 में हुई इस भविष्यवाणी का जब कोई असर ना हो सका तो इस दुनिया के सर्वनाश का समय दिसंबर 2012 बताया गया जो कि माया कैलेंडर के जीवन चक्र पर आधारित था।

इससे पहले स्पेस एजेंसी ने साल 2012 में आई आपदाओं और नाटकीय परिवर्तनों को लेकर कहा था कि इसमें विज्ञान कहां है,सबूत कहां है, ये सिर्फ काल्पनिकता है। किताबें, फिल्मों, डॉक्यूमेंटरीज़ या इंटरनेट पर फैली अफवाहों की तर्ज पर हम साक्ष्यों को नहीं बदल सकते हैं।

अत: अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी,नासा द्वारा यह बताया गया है कि ये सब कथन काल्पनिक है। पृथ्वी पर वर्तमान समय में कोई संकट या पृथ्वी का विनाश होने के तथ्यों का ख़ारिज किया है।


LIKE & FOLLOW OUR FACBOOK PAGE- FACEBOOK
FOLLOW OUR INSTAGRAM ID- INSTAGRAM


Post a Comment

Previous Post Next Post